सीटेट, यूपी टेट, रीट- स्पेशल – विभिन्न प्रकार के वृक्ष

CTET SPECIAL

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रेगिस्तानी ओक

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रेगिस्तानी ओक

  • यह वृक्ष आस्ट्रेलिया के रेगिस्तान में पाया जाता है।
  • इस पेड़ की ऊंचाई लगभग 4 मीटर होती है।
  • इसकी जड़ें वृक्ष की ऊंचाई के लगभग 30 गुना गहराई तक चली जाती हैं।
  •  इसके तने में पानी जमा रहता है । जब यहां पानी की कमी पडती है तो लोग इसके तने में पाइप डाल कर पानी निकालते हैं।
खेजड़ी 
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खेजड़ी का वृक्ष
  • यह भारत के रेगिस्तान में पाया जाता है
  • इसकी लकड़ी में कीड़ा नहीं लगता है।
  • इसकी फलियों की सब्जी बनती है।
  • इसकी छाल दवा के रूप में प्रयोग होती है।
  • इसे ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है।
  • यह राजस्थान का राजकीय वृक्ष है।
तुलसी 
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तुलसी का पौधा
  • तुलसी लैमिऐसी कुल का पौधा है इसका वानस्पतिक नाम ओसीमम सैक्टम है
  • यह एक शाक है भारतीय संस्कृति में इसे पूजनीय माना जाता है।
  • इसके औषधीय गुण के कारण इसे जड़ी बूटियों की रानी कहा जाता है।
  • यह कैंसर ,श्वास ,सम्बन्धी रोग एवं सर्दी, खांसी, जुकाम  में अत्यंत लाभकारी होती है।
केला 
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  • यह म्यूसेसी कुल का पौधा है इसका वानस्पतिक नाम मूसापैरासडियाका है।
  • केला पेड़ नहीं एक शाक है
  • क्योंकि इसका  तना हरा एवं कमजोर होता है।
  • केले के फल एवं फूल खाऐ जाते हैं।
नीम

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नीम की पत्तियां

  • यह एक मैलीऐसी कुल का पौधा है इसका वानस्पतिक नाम आजा़दीराक्ता इन्डिका है
  • यह एक पतझड़ वाला पौधा है इसमें मूसला पायी जाती है।
  • इसके फल को निंबोली कहते हैं।
  • नीम में बहुत सारे औषधीय गुण विद्यमान हैं। इसके उपयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
  • इसे जैविक कीटनाशक का उत्पाद माना जाता है।
बरगद 
  • यह एक विशाल वृक्ष है इसका फैलाव बहुत अधिक होता है।
  • इसके छत्र को सहारा देने के लिए इसके शाखाओं से जड़ें निकलती हैं।
  • इस वृक्ष की छाया में  लगभग 100 लोग बैठ सकते हैं।
  • इसमें दो प्रकार की जड़ें पायी जाती हैं 1. मूसला 2. अपस्थानिक
घटपर्णी/ नेपन्थीज
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घटपर्णी पौधा
See also  बखिरा वन्यजीव अभयारण्य तथा खिजड़िया पक्षी अभयारण्य रामसर स्थल सूची में शामिल किया गया
  • यह एक कीट भक्षी पौधा है जो कीड़े मकोड़ों का भक्षण करता है।
  • ये ऐसे स्थान पर उगते हैं जहां नाईट्रोजन की कमी होती है तथा नाइट्रोजन की कमी को पूरा करने के लिए ये कीटों का शिकार करते हैं।
  • ये मेढक, चूहा, तथा छोटे कीटों का शिकार भी करतें हैं।
  • इसकी आकार घड़े के समान होती है इसलिए इन्हें घटपर्णी पौधे भी कहते हैं
  • ये पौधे कीटों को आकर्षित करने के लिए खुशबू निकालते हैं जिससे कीड़े मकोड़े इसकी तरफ आकर्षित होते हैं।
  • यह भारत के मेघालय राज्य , आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया में पाये जाते हैं।
पीपल 
  • यह एक विशाल वृक्ष है इसकी विशेषता यह है कि यह 24 घंटे आक्सीजन देता है। 
  • इसकी पत्तियां हमेशा हिलती रहती हैं।
  • इसे बौधिक वृक्ष भी कहते हैं। क्योंकि गौतम बुद्ध ने इसी वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया था।
क्रोटन 
  • इस पौधे को संकेतक पौधा भी कहते हैं क्योंकि यह बता देता है की पौधे को पानी देना है कि नहीं।
  • इस पौधे को मुख्य पौधे के साथ लगा दिया जाता है। इसकी जड़ें अधिक गहराई तक नहीं जाती हैं।
  • जब ये पौधा मुरझाने लगता है तो पता चल जाता है कि मुख्य फसल में पानी लगना है। 

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