व्यास सम्मान 2021
इसकी स्थापना 1991में के के बिडला फाउंडेशन के द्वारा की गई। यह पुरस्कार
हिन्दी लेखन में 10 वर्षो के उत्कृष्ट साहित्यिक कार्य के लिए दिया जाता है। वर्तमान में इनामी राशि ₹ 4 लाख एवं एक प्रशास्ति पत्र और एक पट्टीका दी जाती है। पहला व्यास सम्मान 1991 में राम विलास शर्मा को उनकी रचना भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी के लिए दिया गया।
व्यास सम्मान 1991 से अब तक
वर्ष | लेखक का नाम | रचना या कृति | विधा |
---|---|---|---|
1991 | राम विलास शर्मा | भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी | – |
1992 | डा. शिव प्रसाद सिंह | नीला चांद | उपन्यास |
1993 | गिरजा कुमार माथुर | मैं वक्र के सामने | काव्य |
1994 | धर्मवीर भारती | सपना अभी भी | काव्य संग्रह |
1995 | कुंवर नारायण | कोई दूसरा नहीं | काव्य संग्रह |
1996 | प्रो राम स्वरूप चतुर्वेदी | हिन्दी साहित्य और संवेदना का विकास | – |
1997 | केदार नाथ सिंह | उत्तर कबीर तथा अन्य कविताएं | काव्य |
1998 | गोविंद मिश्र | पांच आॅगनो वाला घर | उपन्यास |
1999 | श्री लाल मिश्र | विसरामपुर का संत | उपन्यास |
2000 | गिरिराज किशोर | पहला गिरमिटिया | उपन्यास |
2001 | रमेश चंद्र शाह | आलोचना का पक्ष | आलोचना |
2002 | कैलाश बाजपेई | पृथ्वी का कृष्ण पक्ष | प्रबन्ध काव्य |
2003 | चित्रा मुद्गल | आवां | उपन्यास |
2004 | मृदुला गर्ग | कंठ गुलाब | उपन्यास |
2005 | चन्द्रकांता | कथा सरितासार | उपन्यास |
2006 | परमानंद श्रीवास्तव | कविता का अर्थ | – |
2007 | कृष्णा सोबती | समय सरगम | उपन्यास |
2008 | मन्नू भंडारी | एक क यह भी | आत्मकथा |
2009 | अमर कांत | इन्हीं हथियारों से | – |
2010 | विश्वनाथ प्रसाद तिवारी | फिर भी कुछ रह जाएंगे | – |
2011 | रामदरश मिश्र | आम के पत्ते | काव्य संग्रह |
2012 | नरेंद्र कोहली | न भूतो न भविष्यति | उपन्यास |
2013 | विश्वनाथ त्रिपाठी | व्योमकेश दरवेश | संस्मरण |
2014 | कमलकिशोर गोयनका | प्रेमचंद की कहानियों का काल क्रमानुसार अध्धयन | – |
2015 | डाॅ सुनीता जैन | क्षमा | काव्य |
2016 | सुरेंद्र वर्मा | काटना शमी का वृक्ष | – |
2017 | ममता कालिया | दुक्खम – सुक्खम | – |
2018 | लीलाधर जगूडी | जितने लोग उतने प्रेम | – |
2019 | नासिरा शर्मा | कागज की नाव | – |
2020 | प्रो शरद पगोर | पाटिलपुत्र की साम्राज्ञी | 30 वां व्यास सम्मान |
2021 | असगर वजाहत | महाबली | नाटक (31 वां व्यास सम्मान) |
2022 | डा ज्ञान चतुर्वेदी | पागलखाना | – |
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धन्यवाद