चंद्रयान 3 के बारे में जानकारी
हाल ही में 14 जुलाई, 2 बजकर 35 मिनट पर इसरो के द्वारा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्री हरिकोटा से चंद्रयान-3 को लांच किया गया। चंद्रयान -3 का प्रक्षेपण LVM-3 M4 से किया गया था। जिसमें प्रोपल्शन माड्यूल, लैंडर और रोवर सहित तीन घटक हैं।
चंद्रयान 3 का उद्देश्य
- इस मिशन का उद्देश्य इंटरप्लेनेटरी मिशनों के लिए आवश्यक नई प्रौद्योगिकियों विकसित करना और प्रदर्शित करना है।
- चंद्रयान 3 की यात्रा में लगभग 42 दिन लगने का अनुमान है। 23 अगस्त 2023 को इसकी चंद्रमा पर लैंडिंग निर्धारित है।
- यदि यह मिशन सफल रहता है तो चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के समीप साफ्ट लैंडिंग करने वाला यह पहला मिशन होगा।
- अमेरिका, रूस व चीन के बाद भारत चंद्रमा की सतह पर साफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
चंद्रयान 3 के पेलोड्स
प्रोपल्शन माड्यूल पेलोड –
➢ SHAPE (स्पेक्ट्रो पोलरिमैट्री आफ हेबिटेबल प्लेनेट अर्थ)
यह चंद्रमा के आर्बिटर से पृथ्वी के वर्णक्रमीय (Spectral) और ध्रुवीय मैट्रिक माप का अध्ययन करेगा।
लैंडर पेलोड –
➢ RAMBHA -LP (लैंगमुईर प्रोब)
यह सतह के आस पास प्लाज्मा घनत्व और इसकी विविधताओं का अनुमान लगायेगा।
➢ ChaSTE (चंद्रा सरफेस थर्मोफीजिकल एक्सप्रीमेंट)
यह चंद्रमा की सतह पर तापीय चालकता और तापमान को मापेगा।
➢ ILSA (इंस्ट्रूमेंट फार लूनर सिस्मिक एक्टिविटी)
यह लैंडिंग के आस पास भूकम्पीयता को मापेगा।
रोवर पेलोड –
➢ APXS (अल्फा पार्टिकल एक्स-रे एपेक्ट्रोमीटर)
चंद्रमा की फतेह के बारे में हमारी समझ को और बढ़ाने के लिए रासायनिक संरचना प्राप्त करेगा और खनिज संरचना का अनुमान लगाएगा।
➢ LIBS (लेजर इनड्यूज्ड ब्रेक डाउन स्पेक्ट्रोमीटर)
यह चंद्रमा लैंडिंग स्थल के आसपास मिट्टी और चट्टानों के मौलिक संरचना का निर्धारण करेगा।
दक्षिणी ध्रुव के समीप चंद्रयान की लैंडिंग का महत्व
- चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव भूमध्य रेखीय क्षेत्र की तुलना में काफी अलग और चुनौतीपूर्ण भू भाग है।
- यहां का सूर्य का प्रकाश पहुंचना दुर्लभ है, किसके कारण यहां का तापमान -230 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है।
- चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अत्यधिक विपरीत परिस्थितियां हैं परंतु इस क्षेत्र का पता लगाना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भविष्य में अन्वेषण को प्रभावित कर सकता है।
भारत के अन्य चंद्रयान मिशन:
चंद्रयान -1
- भारत का चंद्रमा पर अन्वेषण मिशन वर्ष 2008 में चंद्रयान-1 के साथ शुरू हुआ।
- इसका उद्देश्य चंद्रयान-1 का त्रि आयामी ऐटलस तैयार करना और खनिज मानचित्रण करना था।
- प्रक्षेपण यान- PSLV -C11
- चंद्रयान-1 ने चंद्रमा की सतह पर पानी हाइड्राक्सिल पता लगाने सहित अन्य महत्वपूर्ण खोजे की।
चंद्रयान-2
- chandrayaan-2 में और ओर्बिटर, लैंडर और रोवर मिशन था जिसका लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अन्वेषण करना था।
- प्रक्षेपण यान- GSLV Mk-3
- यह मिशन पूर्ण रूप से सफल नहीं हुआ क्योंकि उसका लैंडर सॉफ्ट लैंडिंग के समय किसी कारण से क्रैश हो गया तथा इसका आर्बिटर सफलतापर्वक कार्य कर रहा है तथा इसने पानी के प्रमाण भी एकत्र किए हैं ।
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