जैवविविधता Biodiversity
जैव विविधता का तात्पर्य ऐसे परिवर्तन से है जो आबादी, प्रजातियां समुदाय और पारिस्थितिकी तंत्र से मिलता है।
पृथ्वी पर सभी प्रकार के पाते जाने वाले जीवित प्राणी जैव विविधता से सम्बन्ध रखते हैं–
1.आनुवंशिक विविधता (Genetic Biodiversity)
2.प्रजाति विविधता (SpaciesBiodiversity)
3.परिस्थितिकी विविधता (Ecology Biodiversity)
1.आनुवंशिक विविधता (Genetic Biodiversity)
जीव कोशिकाओं से निर्मित है और इन कोशिकाओं के केन्द्रक में गुणसूत्र होते हैं, जिनमें जीन विद्यमान है।जीन किसी भी विशिष्ट प्रजाति की विशेषताओं को नियंत्रित करते हैं।एक ही प्रजाति के व्यक्तियों की जीनो में समानता होती है।
2. प्रजाति विविधता (SpaciesBiodiversity)
किसी विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में पाये जाने वाली प्रजातियों की विविधता को प्रजाति विविधता कहते हैं।
3. पारिस्थितिकी विविधता (Ecology Biodiversity)
जैव विविधता में भारत की स्थिति (India’s position in biodiversity)
भारत को वृहद जैव विविधता वाला देश (Mega center of biological diversity)क्यो कि भारत विश्व के उन ,12 देशों में शामिल है जहां वृहद जैव विविधता है। भारत में जैव विविधता के 02 हाट स्पाट विशिष्ट विविधता पूर्ण स्थल है।
- पश्चिम घाट
- उत्तर पूर्वी क्षेत्र
हाट स्पाट— हाट स्पाट विश्व के वे क्षेत्र , जहां कई पत्रकार के जीव रहते हैं। इनमें से कई जीव किसी स्थल पर नहीं पाते जाते हैं।
उदाहरण– मेंढको की कई प्रजातियां, भारत के केवल पश्चिम घाट क्षेत्र में पाई जाती है।
जैव विविधता हाटस्पाट — ये विशिष्ट स्थल होते हैं जहां देशीय जैविक प्रजातियाओ की बहुत अधिक नस्ले पाई जाती हैं।
इसकी व्याख्या सर्वप्रथम नार्मन मेयर ने 1988 ई. में की थी।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह में जैव विविधता
बर्मा में जैव विविधता हॉटस्पॉट के भीतर कुल भूमि क्षेत्र का केवल एक छोटा प्रतिशत अब संरक्षित है। जैव विविधता हॉटस्पॉट के संरक्षण के लिए कई अंतरराष्ट्रीय संगठन कई तरह से काम कर रहे हैं।
विश्व जैव विविधता दिवस
प्रत्येक वर्ष 22 मई अंतर्राष्ट्रीय जैविक विविधता दिवस (International Day for Biological Diversity) के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष जैव विविधता दिवस का मुख्य विषय ‘जैव विविधता की मुख्य धाराः लोग और उनकी आजीविका’ है।
COP 1- NOV. 1994 . नाउस ब्हमास .
COP 2- NOV 1995 जकर्ता इंडोनेशिया COP 3 -NOV. 1996 . ब्यूनस आयर्स
COP 4 MAY 1998 ब्रातिस्लाव COP 5MAY 2000 . नैरोबी . COP 6 APRIL,2002 द् हेग (नीदरलैंड) COP -7 FEBRUARY,2004 क्वालालम्पुर(मलेशिया) COP -8 MARCH, 2006 क्यूरिटिबा (मलेशिया) COP -9 MAY, 2008 बांन (जर्मनी). COP 10 OCTOBER, 2010 जापान COP -11 OCTOBER 2012 हैदराबाद भारत COP -12 OCTOBER, 2014 प्योगयांग (द.कोरिया)
COP – 14 , NEW DELHI
COP -24 , HOLLAND 2018
COP -25 ,SPEN (MODRID),2019
विश्व के वृहद् जैव विविधता वाले देश-
क – सर्वाधिक प्रजाति अनुपात वाला देश–
- रुस
- चीन
- आस्ट्रेलिया
- भारत
- अमेरिका
- जापान
- पापुआ न्यू गिनी
- मेडागास्कर
- दक्षिणी अफ्रीका
- ब्राजील
ख- सर्वाधिक प्रजाति विवरण देने वाले देश-
- चीन
- आस्ट्रेलिया
- भारत
- मेडागास्कर
- ब्राजील
- मलेशिया
- मैक्सिको
- इण्डोनेशिया
- पेरू
- जैरे
- इक्वाडोर
- कोलम्विया
जैव विविधता से सम्बन्धित महत्वपूर्ण बिंदु–
1. सर्वाधिक जैव विविधता भूमध्यरेखीय प्रदेश में पाई जाती है।
2. भारत में जैव विविधता के हाट स्पाट –पश्चिमी घाट एवं श्रीलंका- दक्षिणी पश्चिमी भारत एवं श्री लंका के दक्षिणी पश्चिमी के उच्च भूमि तक।
4. भारत का सबसे बड़ा हाट स्पाट – इंडो-बर्मा सीमा
5. भारत का सबसे छोटा हाट स्पाट – पश्चिमी घाट
6. समुद्री संवेदनशील क्षेत्र hotspot वर्तमान में कुल 50 है, भारत में दो- लक्ष्यद्वीप और अरमान निकोबार द्वीपसमूह हैं।
7.सर्वाधिक जैव विविधता–भू मध्यरेखीय प्रदेशों में पाई जाती है।
8. न्यूनतम जैव विविधता- ध्रुवों के निकट पायी जाती है।
9. सर्वाधिक जैव विविधता वाला महाद्वीप – अफ्रीका महाद्वीप है।
जैव विविधता ह्रास के कारण-
A. प्राकृतिक कारण
- ज्वालामुखी
- जलवायु परिवर्तन
- सूखा एवं अकाल
- पृथ्वी के उल्का पिंड की टक्कर
- ग्लोवल वार्मिग
B. मानव जनित कारण
- प्राकृतिक आवासों का विनाश
- आवासों का विखण्डन
- वन्य जीवों का अवैध शिकार
- झूम कृषि
- औद्योगिकीकरण
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जैविक विविओ का संरक्षण:
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने देश में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और उनके सतत उपयोग के उद्देश्य से निम्नलिखित कार्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं–
- जीव मण्डल रिजर्व (Biosphere Reserves)
- नमी भूमि (Wetlands)
- कच्छ वनस्पति (Mangrove)