NCERT आधारित पर्यावरण के महत्वपूर्ण बिंदु
➩ तरुण भारत संघ (राजस्थान)एक संस्था का नाम है या संस्था तालाबों के निर्माण में मददगार है ।
➩ मामिडी तान्डा आम पापड को कहते हैं। यह आंध्र प्रदेश की प्रसिद्ध आम की प्रजाति है।
➩ मिर्च हमारे देश में पुर्तगाल देश के व्यापारी दक्षिण अमेरिका से भारत लाए थे।
➩ भिंडी और कॉफी अफ्रीका से आई
गोभी , मटर – यूरोप से
चाय भारत के असम राज्य में बहुत होती है। परंतु सबसे प्रसिद्ध चाय दार्जिलिंग की है।
➩ भारत (राजस्थान)के लोग तालाब बनाने में माहिर थे राजस्थान में जैसलमेर के अलावा बहुत से ऐसे इलाके हैं जहां साल में बहुत ही कम दिन बारिश होती है। राजस्थान में सीढ़ी दार कुएं पाए जाते हैं।
➩ सर्वाधिक लवण की मात्रा वाला सागर- मृत सागर 1 लीटर पानी में 300 ग्राम नमक
➩ दांडी यात्रा (अहमदाबाद साबरमती आश्रम गुजरात)की घटना – 1930 (नमक कानून )
➩ मलेरिया मादा मच्छर एनाफिलीज के काटने से फैलता है।
➩ मलेरिया की दवाई बहुत पुराने समय से हम सिनकोना पेड़ की छाल से बनाई जाती है।
➩ मच्छर द्वारा होने वाले रोग – मलेरिया , डेंगू ,चिकनगुनिया
➩ मच्छर पानी में अंडे देते हैं उन्हीं से लाखों लारवा निकलते हैं। मिट्टी का तेल (केरोसिन) पानी में डालने से यह लारवा नष्ट हो जाते हैं।
➩ रोनाल्डो रास को दिसंबर 1902 में मलेरिया रोग की जांच के संबंध में नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
➩ हीमोग्लोबिन या आयरन की कमी से एनीमिया रोग हो जाता है।
➩ आयरन (लोहा) की सर्वाधिक मात्रा गुड,आवला, हरे पत्तेदार सब्जियों में होती है।
➩ सुनीता विलियम्स स्पेस शिप से अंतरिक्ष में गई थी यह पृथ्वी से 360 किलोमीटर दूर स्पेसशिप में गई थी।
➩ ग्लोब में नीचे की ओर ब्राज़ील और अर्जेंटीना है।
➩ सन 1969 में नील आर्मस्ट्रांग चांद पर उतरने वाले सबसे पहले व्यक्ति थे।
➩ लोनर(अकेला रहने वाला) गौरव जानी मोटरसाइकिल का नाम है इसी से उसने भारत भ्रमण किया था।
लेह (लद्दाख) से संबंधित जुड़े रोचक जानकारी
➩ लेह शहर में स्वागत को जुले कहा जाता है ।
➩ लेह शहर (लद्दाख) के अधिकतर घर दो मंजिला होते हैं ।
➩ नीचे के मंजिल में लोग जानवर पालते हैं निचले मंजिल में खिड़की नहीं होती हैं ।
➩ सर्दियों के दिनों में सभी लोग जानवरों के साथ ही रहते हैं ऊपर की मंजिल में कोई नहीं रहता छत को मजबूत बनाने के लिए पेड़ों के मोटे तने इस्तेमाल किऐ जाते हैं।
➩ छत समतल होती है लेह में लकड़ी के फर्श और लकड़ी की छत घरों में होती है। लेह की दीवारें पत्थरों और चट्टानों की बनी होती है।
जम्मू कश्मीर से संबंधित जुड़े रोचक जानकारी
➩ चांगयाग इलाका लगभग 500 मीटर की ऊंचाई पर बना मैदानी इलाका बिल्कुल सुनसान और पथरीला है।
➩ चांगपा घुमंतू लोग हैं जो हमेशा एक जगह पर नहीं रहते चांगपा लोग अपनी भेड़ बकरियों के झुंड को लेकर पहाड़ों में हरे मैदानों की खोज में घूमते रहते हैं
➩ चांगपा लोगों की सबसे बड़ी पूंजी भेड़- बकरियां ही है।
➩ चांगपा खास तरह की बकरियां पालते हैं जिनके बालों से दुनिया की मशहूर पशमीना ऊन बनती है।
➩ चांगपा लोग अपने पूरे घर का सामान घोड़ों और याक पर लादकर घूमते हैं।
➩ सर्दियों में यहां तापमान 0 डिग्री सेंटीग्रेड से भी बहुत कम ( -40 सेंटीग्रेड) चला जाता है।
➩ एक बुनकर 250 घंटे बुनाई करके एक साधारण पशमीना शॉल तैयार करता है या छह स्वेटर के बराबर होती है।
➩ भेड़ और बकरियों को चराने का काम औरतो और जवान लड़कियों का होता है।
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