उत्तर प्रदेश के GI TAG की सूची 2023
हाल ही उत्तर प्रदेश राज्य को मार्च 2023 में 11 उत्पादों को भौगोलिक संकेतक ( GI TAG ) दिया गया है। उत्तर प्रदेश में GI Tag प्राप्त करने वाले सर्वाधिक उत्पाद बनारस के शामिल हैं। हाल ही में जी आई टैग प्राप्त करने वाले 11 उत्पादों के नाम इस प्रकार हैं।
क्रमांक सं. | उत्पाद का नाम | सम्बंधित क्षेत्र |
---|---|---|
1 | बनारसी पान | कृषि |
2 | बनारसी लंगड़ा आम | कृषि |
3 | रामनगर बैंगन | कृषि |
4 | मुजफ्फरनगर गुड | कृषि |
5 | अलीगढ़ ताला | हस्तशिल्प |
6 | बखिरा पीतल के बर्तन (संत कबीर नगर) | हस्तशिल्प |
7 | बांदा शजर पत्थर शिल्प | हस्तशिल्प |
8त | नगीना लकड़ी शिल्प (बिजनौर) | हस्तशिल्प |
9 | प्रतापगढ़ आमला | कृषि |
10 | हाथरस हींग | खाद्य पदार्थ |
11 | आदम चीनी चावल (चंदौली) | कृषि |
➢ अब उत्तर प्रदेश में जी आई टैग प्राप्त कुल उत्पादों की संख्या 45 हो गई है।
➢ मार्च 2023 में 11 उत्पादों को जी आई टैग में शामिल उत्पादों में 7 उत्पाद ऐसे हैं जो एक जिला एक उत्पाद (ODOP) के अंतर्गत भी आते हैं।
➢ उत्तर प्रदेश के कुल 45 जी आई टैग प्राप्त उत्पादों में 22 पूर्वांचल के उत्पाद शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश के GI टैग प्राप्तकर्ता 7 ODOP
1. नगीना काष्ठ कटाई
- नगीना बिजनौर जिले का एक कस्बा है जो अपने अनूठे का फसल के लिए जाना जाता है।
- इसी कारण इसे फुटक्राफ्ट सिटी के रूप में जाना जाता है।
2. मुजफ्फरनगर गुड़
- गुड़ गन्ना का एक उत्पाद है। इसका उपयोग स्वीटनर के रूप में किया जाता है और इसे चीनी का स्वस्थ प्रतिस्थापक माना जाता है।
- मुजफ्फरनगर में पिछले 50 वर्षों से यह पारंपरिक गुड़ बनाया जाता है।
3. अलीगढ़ ताला
- अलीगढ़ को तालो के शहर के रूप में जाना जाता है।
- यहां वर्ष 1990 में छोटे स्तर पर तालों का उत्पादन शुरू हुआ था।
4. हाथरस की हींग
- हाथरस 100 वर्षों से इनका बड़ा उत्पादक रहा है।
- यहां कच्चा ही मुख्य रूप से अफगानिस्तान तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देशों से आयात किया जाता है।
5. बखिरा पीतल बर्तन
- संत कबीर नगर का बखिरा पीतल बर्तन शिल्प एक प्राचीन शिल्प है।
- इस शिल्प में विभिन्न प्रकार के कलात्मक बर्तन जैसे कटोरे, प्लेट, गिलास, बर्तन जग , फूलदान ,घंटिया आदि बनाए जाते हैं।
6. प्रतापगढ़ आंवला
- प्रतापगढ़ अमला की वैश्विक पहचान है।
- प्रतापगढ़ जिले में अमरूद और आम की खेती भी की जाती है।
- प्रतापगढ़ में कई खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां हैं जो मुरब्बा आचार, जैम ,जेली, जूस, आमला, पाउडर और बहुत से उत्पादों का निर्माण करती है।
7. शजर स्टोन कला
- शजर स्टोन कला बांदा जिले से संबंधित है।
- शजर स्टोन केन नदी से प्राप्त होता हैै।
- इस पत्थर से आभूषण और अन्य सजावटी सामान बनाए जाते हैं।
जीआई टैग क्या है ?
भौगोलिक संकेतक (GI) टैग किसी भी क्षेत्र का सर्वे या राज्य के लिए निर्दिष्ट एक विशेष पहचान के रूप में कार्य करते हैं। एयरटेल कृपया हस्तकला जैसे कुछ उत्पादों को दिए जाते हैं जो उस विशेष क्षेत्र या स्थान की विशिष्टता का प्रतीक है।
विश्व व्यापार संगठन (WTO) के एक सदस्य के रूप में भारत ने वस्तुओं के भौगोलिक संकेतक अधिनियम, 1999 को अधिनियमित किया यह 2003 से प्रभावी हुआ।
जीआई टैग का अर्थ है कि इस प्रकार दिये गये उत्पाद का नाम या चिन्ह अद्वितीय है, विशिष्ट पुणे रखता है, क्षेत्र की प्रतिष्ठा का प्रतिनिधित्व करने वाले पारंपरिक तरीकों से बनाया गया है। इस टाइप को किसी भी प्रकार के कॉपीराइट उल्लंघन से सुरक्षा के साधन के रूप में देखा जा सकता। दार्जिलिंग चाय भारत का पहला उत्पाद था जिसे वर्ष 2004-05 के आसपास जी आई टैग दिया गया था।
भौगोलिक संकेतक (GI TAG) और इसके लाभ
- GI TAG ऐसे उत्पादों को दिया जाता है जिसका एक विशिष्ट भौगोलिक मूल क्षेत्र होता है।
- इन उत्पादों की विशिष्ट विशेषताएं एवं प्रतिष्ठा में भी इसी मूल क्षेत्र के कारण होती हैं।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीआई का विनियमन विश्व व्यापार संगठन (WTO) के बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधी आयामों (TRIPS) पर समझौते के तहत किया जाता है।
- वहीं राष्ट्रीय स्तर पर यह कार्य “वस्तुओं का भौगोलिक सूचक” (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम,1999 के तहत किया जाता है।
- वर्ष 2004 में दार्जिलिंग चाय GI टैग प्राप्त करने वाला पहला भारतीय उत्पाद है।
- यह टैग दूसरों के द्वारा किसी पंजीकृत GI के अनधिकृत प्रयोग को रहता है।
- टैक्स से उत्पाद को कानूनी संरक्षण मिलता है जिससे उसके निर्यात को बढ़ावा मिलता है।
- टाइप उत्पाद के उत्पादकों की आर्थिक समृद्धि को भी बढ़ावा देता है।
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