शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009
इस पोस्ट में हम बात करेंगे निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिनियम शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 राइट टू एजुकेशन। जिसमें से सीटेट यूपीटेट (CTET/UPTET) परीक्षाओं में इस टॉपिक से दो या तीन प्रश्न अवश्य पूछे जाते हैं। जो कि यह परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है।
संविधान निर्माण के समय शिक्षा राज्य सूची का विषय थी। लेकिन उस में शिक्षा का स्तर निम्न था शिक्षा के नियम प्रत्येक राज्य में अलग-अलग थे इसके समाधान हेतु 23 सितम्बर 1948 में राधाकृष्णन आयोग तथा 1952-53 में मुदालियर आयोग का गठन हुआ। गठन हुआ और इन दोनों आयोगों ने सुझाव दिया की शिक्षा को समवर्ती सूची का विषय बनाया जाए तथा संविधान में नया विषय जोड़ने हेतु पुराना विषय हटाने हेतु संविधान मे 42वां 1976 में संशोधन होता है। इसके तहत शिक्षा को राज्य सूची से हटाया गया एवं समवर्ती सूची में जोड़ दिया गया अब शिक्षा का उल्लेख संविधान के भाग 4 में अनुच्छेद 45 में में उल्लेख है।
इस प्रकार से 42 वें संविधान संशोधन के तहत शिक्षा को समवर्ती सूची का विषय बनाया गया लेकिन अभी समस्या का समाधान नहीं हुआ था फिर बात आई शिक्षा में सुधार कैसे हो 100% नामांकन कैसे हो 100% ठहराव कैसे हो यह समस्या खड़ी हुई इस समस्या के समाधान के लिए 1964 में दौलत सिंह कोठारी आयोग का गठन हुआ। इसकी स्थापना 1964 में हुई रिपोर्ट 1966 में सबमिट की गई, तथा कोठारी ने कुछ सुझाव दिए-
- शिक्षा को निशुल्क किया जाए
- शिक्षा को अनिवार्य किया जाए
- भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होनी चाहिए
और इस तरह दौलत सिंह कोठारी आयोग की अनुशंसा पर पुनः 86 वां संविधान संशोधन 1 दिस. 2002 को होता है । इसके तहत शिक्षा को कानूनी अधिकार बताया जाता है।
➲ दिसंबर 2002 में भारतीय संविधान का 86 वां संविधान संशोधन के तहत।
➲ 20 जुलाई 2009 को राज्यसभा में पारित।
➲ 4 अगस्त 2009 को लोकसभा में पारित।
➲ 26 अगस्त 2009 को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर।
➲ 27 अगस्त को राज्य पत्र गजट में प्रकाशित।
➲ 1 अप्रैल 2010 को देश में लागू।
➲ नार्वे आरटीई लागू करने वाला दुनिया का प्रथम देश।
➲ आरटीई भारत लागू करने वाला 135 देश।
➲ अधिनियम में 7 अध्याय, 38 धारा एवं एक अनुसूची है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धाराएं
धारा -1 ➥ अधिनियम का संक्षिप्त नाम एवं लागू होने की तारीख
धारा -2 ➥ महत्वपूर्ण शब्दों की व्याख्या (बालक, समुचित सरकार, प्रा.शिक्षा)
धारा -3 ➥ 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को निशुल्क शिक्षा
धारा -4 ➥ उम्र के आधार पर प्रवेश
धारा -5 ➥ स्थानांतरण प्रमाण पत्र के बगैर भी प्रवेश
धारा -6 ➥ 3 वर्ष में बालक के घर से 1 किमी. और 3 किमी. प्रा विद्यालय तथा उच्च विद्यालय होने चाहिए।
धारा -7 ➥
धारा -8 ➥ समुचित सरकार के कर्तव्य
धारा -9 ➥ स्थानीय अधिकारी के कर्तव्य
धारा-10 ➥ माता पिता के कर्तव्य
धारा-11 ➥ विद्यालय पूर्व शिक्षा देने का प्रावधान
धारा-12 ➥ निजी विद्यालयों की पच्चीस परसेंट सीटें एससी/ एसटी /विकलांगों के लिए आरक्षित
धारा-13 ➥ प्रवेश शुल्क लेने पर 10 गुना जुर्माना
धारा-14 ➥ आयु प्रमाण पत्र ना होने पर भी प्रवेश
धारा-15 ➥ निर्धारित अवधि के बाद भी प्रवेश
धारा-16 ➥ अवरोधन एवं निष्कासन पर रोक
धारा-17 ➥ किसी भी प्रकार का शारीरिक मानसिक दंड पर रोक
धारा-18 ➥ मान्यता के बगैर स्कूल चलाने पर पहली बार ₹10000 और बाद में प्रतिदिन ₹1000 जुर्माना
धारा-19 ➥ विद्यालय के मान एवं मानदंड
धारा-20 ➥ अनुसूची में संशोधन का अधिकार केंद्र सरकार को होगा
धारा-21 ➥ विद्यालय प्रबंधन समिति का वर्णन इसमें 16 सदस्य होंगे
धारा-22 ➥ विद्यालय विकास योजना
धारा-23 ➥ शिक्षक योगिता सीटीईटी या टीईटी CTET/TET
धारा-24 ➥ शिक्षकों के कर्तव्य
धारा-25 ➥ शिक्षक एवं छात्र अनुपात
धारा-26 ➥ विद्यालय के शिक्षकों का कुल 10% ज्यादा पद खाली नहीं रह सकता।
धारा-27 ➥ चुनाव, जनगणना, आपदा राहत के अलावा शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाया जाएगा।
धारा-28 ➥ सरकारी शिक्षकों कों निजी ट्यूशन पर रोक
धारा-29 ➥ पाठ्यक्रम एवं मूल्यांकन के नियम
धारा-30 ➥ प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने पर पूर्णता का प्रमाण पत्र
धारा-31 ➥ बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा बाल संरक्षण अधिनियम 2005 के अंतर्गत।
धारा-32 ➥ बच्चों से जुड़ी समस्याओं को 3 महीने में निपटारा।
धारा-33 ➥ राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का गठन
धारा-34 ➥ राज्य सलाहकार परिषद का गठन
धारा-35 ➥ केंद्र एवं राज्य सरकारें मार्गदर्शी सिद्धांतों को जारी कर सकता है
धारा-36 ➥ जुर्माना लगाने से पहले सक्षम अधिकारी की अनुमति अनिवार्य
धारा-37 ➥ केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सलाहकार परिषद के सदस्यों तथा सक्षम अधिकारी पर मुकदमा नहीं किया जा सकता।
धारा-38 ➥ केंद्र एवं राज्य सरकार इस अधिनियम में कुछ संशोधन कर सकती है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE-2009) की अनुसूची
प्राथमिक स्तर पर | उच्च प्रा. स्तर पर |
---|---|
शिक्षक छात्र अनुपात 2:60 | शिक्षक छात्र अनुपात 1: 35 |
61 से 90 छात्रो पर 3 शिक्षक | भाषा , गणित, विज्ञान सा.विज्ञान का पूर्णकालिक शिक्षक |
121- 200 छात्रो पर 5 शिक्षक | 100+ छात्र होने पर 1 प्रा. अध्यापक, + कार्य शिक्षा, स्वास्थय एवं शारीरिक शिक्षा तथा कला शिक्षा के 1-1 अंश कालिक शिक्षक हो (संविदा) |
प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्य दिवश एवं कार्य घंटे
➲ प्राथमिक स्तर पर हर शैक्षिक सत्र में 200 कार्य दिवसीय व 800 कार्य घंटे होने चाहिए।
➲ उच्च प्राथमिक स्तर पर हर शैक्षिक सत्र में 1000 कार्य घंटे यार 220 कार्य दिवस होने चाहिए।
➲ प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर प्रतिदिन शिक्षण कार्यक्रम 4 एवं 4.5 घंटे होगा।
➲ शिक्षक प्रति सप्ताह 45 घंटे कार्य करेगा।
विद्यालयों के मान एवं मानदण्ड क्या होगा
- सुरक्षित विद्यालय भवन
- शुद्ध रमसा पेयजल
- पौष्टिक भोजन
- मिड डे मील पकाने के लिए पर्याप्त स्थान
- पुस्तकालय
- खेल का मैदान
- बालक बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय
- विद्यालय के चारों तरफ चारदीवारी