वन्य जीव सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए बनाए गए अधिनियम निम्नलिखित हैं –
वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम,1972 (The Wild Life Protection Act , 1972):
- वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम,1972 पारित किया गया, जिसमें वन्य जीवों के कल्याण से संबंधित अनेक बिन्दु अत्यंत प्रभावी रूप से सम्मिलित हैं।
- इनके अलावा इस अधिनियम में आवश्यकता अनुसार संशोधन किया जा सकता है। इसमें प्रथम संशोधन 1986 ई. में तथा द्वितीय संशोधन 1991 ई. में किये गए हैं।
- इससे पूर्व भी वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए निम्नलिखित अधिनियम बनाये गये थे-
- मद्रास वन्य जीव हाथी संरक्षण अधिनियम, 1873
- अखिल भारतवर्षीय हाथी संरक्षण अधिनियम, 1879
- वन्य पशु और पक्षी संरक्षण अधिनियम, 1912
- बंगाल गैडा संरक्षण अधिनियम, 1932
- असम गैंडा संरक्षण अधिनियम, 1954
2. भारतीय वन्य जीव बोर्ड की स्थापना (IBWL)
इस वन्य जीव बोर्ड की स्थापना 1952 ई. में की गई थी तथा तथा वन्य जीवों के लिए अनेक कार्य इस बोर्ड द्वारा किये गये। भारत के प्रधानमंत्री इस बोर्ड के मनोनीत अध्यक्ष होते हैं। इस बोर्ड का पुनर्गठन 1991 में किया गया और कार्य का पुनर्निधारण किया गया। जो कि निम्नलिखित हैं-
- वन्य जीवों की सुरक्षा और संरक्षण हेतु भारत सरकार तथा राज्य सरकारों को सलाह देना।
- राष्ट्रीय उद्यान, वन अभ्यारण्य तथा प्राणी उद्यानों को देख रेख सम्बन्धी सलाह और सुझाव।
- वन्य जीवों तथा उनसे निर्मित वस्तुओं के आयात में सरकार को सुझाव देना
- वन्य जीवों के प्रति लोगों की दिलचस्पी जागृत करना।
- समय समय पर वन्य जीवों की सुरक्षा और संरक्षण की स्थिती का अध्ययन करना ।
भारतीय वन्य जीव बोर्ड जीव सम्बन्धी नीति बनाने के लिए देश की शीर्षास्थ साविधिक संस्था है।
3. भारतीय जीव – जन्तु कल्याण बोर्ड ( Animal Welfare Board of India)
इस बोर्ड की स्थापना वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा जीव जंतुओं के कल्याण के लिए की गई है। यह एक स्वायत्त सहायता अनुदान संस्थान है, जिसके प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं-
- जीव – जन्तु कल्याण की योजनाओं और और क्रियान्वित को बढाब देना
- वन्य जीवों पर अत्याचार को रोकना
- वन्य – जीव जंतुओं के लिए कल्याण संगठन को आश्रय – गृहों, पशुशरण स्थलों और आवारा पशुओं के इलाज के लिए पशु चिकित्सा अस्पताल चलाने के लिए,वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना ।
4. राष्ट्रीय उद्यान और वन अभयारण्यों की स्थापना (Establishment of national Park and Wild Life Sanctuaries)
राष्ट्रीय उद्यान तथा वन अभ्यारण वन्य जीवों की समुचित रक्षा और संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका है । वर्तमान में 92 राष्ट्रीय उद्यान और 500 वन अभ्यरण है जो लगभग 1.53 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं।
5. विशिष्ट प्रजातियों के लिए विशेष संरक्षण योजनाएं
(A) प्रोजेक्ट टाइगर योजना Project Tiger Scheme
देश में बाघों की महत्वपूर्ण जनसंख्या के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए बाघ परियोजना 1 अप्रैल , 1973 से प्रारंभ की गई थी।
(B) अन्य योजनाएं Other Scheme
कुछ अन्य जीवों के लिए निम्नलिखित योजनाएं प्रारंभ की गई-
वन्य जीव का नाम वर्ष
हंगुल (Hangul) 1970.
शेर (Lion) 1972
मगर (Crocodile) 1974.
हिरन (Deer) 1981.
गैंडा (Rhinoceros) 1984 .
हिम चीता (Snow LeopaeL) 1987.
हाथी (Elephant) 1991
6. प्राणी उद्यान (Zoological parks)
वन्य जीवों के प्रति जन साधारण में रूचि रखने, जानकारी बढ़ाने, संरक्षण भावना को विकसित करने हेतु लगभग प्रत्येक राज्य में जीव जंतु संचालित है, जिनको राज्य सरकार नियंत्रित करती है । केन्द्रीय स्तर पर निम्नलिखित प्राणी उद्यान विशिष्टता रखते हैं-
- राष्ट्रीय प्राणी उद्यान , नई दिल्ली
- पद्मजा नायडू हिमालयन प्राणी उद्यान, दार्जिलिंग
- श्री चमराजेन्द्र प्राणी उद्यान, मैसूर
- नन्दनकानन जीव विज्ञान उद्यान, भुवनेश्वर
7. केन्द्रीय चिड़ियाघर संस्थान, भारत ( Central zoo Authority)
वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के अन्र्तगत देश के सभी चिड़िया घरों की देख रेख और उनमें रखें जाने वाले जीवों के संरक्षण के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 1992 ई. में केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की स्थापना की थी । इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
8. वन्य जीव प्रशिक्षण संस्थान, भारत (Wildlife Institute of India)
सर्वप्रथम इस संस्था की स्थापना कृषि मंत्रालय के अन्र्तगत 1982 ई. में हुआ । बाद में इसे पर्यावरण एवं वन विभाग मंत्रालय में ले लिया । इसका मुख्यालय देहरादून में है। तथा यह संस्था एक स्वतंत्र ईकाइ के रूप में कार्य करती है।
9. वन्य जीव संरक्षण में उल्लेखनीय कार्य हेतु पुरस्कार:
पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार ने सन् 1995-96 से वन्य जीव संरक्षण और शोध के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले अधिकारी व क्षेत्रीय कार्यकर्त्ताओं को एक पुरस्कार ( राजीव गांधी अवार्ड) तथा दो फैलोशिप ( सालिम अली) ( कैलाश सांखला) प्रति बर्ष देने का प्रावधान किया गया है।
10. विश्व वन्य जीव कोष (डव्लू.डव्लू. एफ.)
विश्व जीव कोष ( जिसका अब नया नाम प्रकृति के लिए विश्वव्यापक कोष (World Wide for nature) हो गया) । की 1986 में सिसली में रजत जयंती मनाई गई। पेड़ – पौधे तथा वन्य जीवों के लिए 130 देशों में 4000 योजनाएं बनाकर उनको सुचारू रूप से चलाये जाने का श्रेय – WWW-N को जाता है। भारत में 1 अप्रैल 1973 से प्रारंभ हुए बाघ परियोजना कार्यक्रम इसका एक अनन्य उदाहरण है । वर्तमान में देशों के 14 राज्यों में 27 बाघ परियोजनायें रिजर्व हैं।