इस पोस्ट में हम बात करेंगे भारत में विश्व प्रसिद्ध आयोजित होने वाले मेलों के बारे में जो भारत के राज्यों में प्रत्येक वर्ष आयोजित होते हैं, और ये मेले बहुत ही विश्व प्रसिद्ध एवं आकर्षण का केंद्र होते हैं। जैसे उत्तर प्रदेश में आयोजित होने वाला विश्व प्रसिद्ध कुंभ का मेला तथा बिहार राज्य में आयोजित होने वाला विश्व प्रसिद्ध सोनपुर का पशु मेला जो की पूरे भारत के साथ अनेक देशों में प्रसिद्ध हैं। और भी भारत में और भी बहुत प्रसिद्ध मेले हैं जहां अनेकों देशों से लोग आते हैं और इनके विहंगम दृश्य का आनंद लेते हैं।
भारत के प्रमुख मेलों की सूची (Bharat ke parmukh melo ke list)
राज्य | मेला |
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उत्तर प्रदेश | ⚪कुंभ का मेला ⚪ माघ का मेला ⚪ नौचंदी मेला, मेरठ ⚪ बटेश्वर मेला, आगरा ⚪ देवा शरीफ मेला, बाराबंकी ⚪ सैयद सालार गाजी मेला, बहराइच ⚪ गोला गोकर्णनाथ मेला, लखीमपुर खीरी ⚪ परिक्रमा मेला, नैमिषारण्य सीतापुर ⚪ शाकम्भरी देवी मेला, सहारनपुर ⚪ कालिंजर मेला, बांदा |
बिहार | ⚪ सोनपुर का पशु मेला ⚪ कर्मा पर्व |
झारखंड | ⚪ सरहुल ⚪ कर्मा वर्व |
ओडिशा | ⚪ रथ यात्रा, पुरी ⚪ दुमका का “हिजला मेला” |
असम | ⚪ भोगाली वीर मेला ⚪ रोगाली वीर मेला |
हरियाणा | ⚪ सूर्यग्रहण मेला ⚪ कपाल मोचन मेला ⚪ सूरजकुंड मेला |
राजस्थान | ⚪ पुष्कर मेला, अजमेर ⚪ सलासर मेला ⚪ सुईया मेला ⚪ बेणेश्वर मेला ⚪ हरियाली अमावस्या मेला ⚪ हाथी उत्सव |
हिमाचल प्रदेश | ⚪ नैना देवी मेला |
गुजरात | ⚪ अम्बाजी मेला ⚪ पुगादी मेला |
महाराष्ट्र | ⚪ सिंहस्थ मेला ⚪ महाकुंभ, नासिक ⚪ गुडी पर्व |
केरल | ⚪ विशु पर्व ⚪ ओणम |
त्रिपुरा | ⚪ बाबा गरिमा पूजा |
सिक्किम | ⚪ लोसल |
तमिलनाडु | ⚪ पोंगल |
कर्नाटक | ⚪ उगादि |
🔶उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध मेले (Uttar Pradesh ke parmukh mele)
1. कुंभ का मेला
कुंभ का मेला भारत में चार स्थानों पर लगता है जिसमें भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज में गंगा नदी के किनारे तथा मध्यप्रदेश में क्षिप्रा नदी के किनारे और महाराष्ट्र के नासिक में गोदावरी नदी के किनारे और उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार जिले में गंगा नदी के नारे लगते हैं। तथा इन मेले में अत्यधिक संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
2. नौचंदी का मेला
यह मेला उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में प्रत्येक वर्ष आयोजित होता है। यह मेला बहुत ही पुराना प्राचीन है। लोगों के अनुसार यह मेला सन् 1600 से चल रहा है। या मेला को मुगल काल के शासकों ने शुरू किया था प्रारंभ में इस मेले में पशुओं की खरीद बिक्री होती थी तथा धीरे-धीरे यह बहुत है यह प्रसिद्ध हो गया और इस मेले में अब नृत्य भी होते हैं।
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