नमस्कार, दोस्तों इस पोस्ट में हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में जो हमारी परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं से प्रतियोगी परीक्षा में प्रश्न अवश्य ही बनते हैं। जिसकी दृष्टि से यह बहुत ही महत्वपूर्ण है। इन योजनाओं के बारे में प्रत्येक व्यक्ति को जानना आवश्यक है, क्योंकि अधिकतर लोग इन योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाएं (Up Sarkari Yojana list 2022)
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चालाई जा रहीं योजनाएं बहुत ही उत्कृष्ट हैं। इन योजनाओं योगी योजना 2022 ‘Yogi Yojana list 2022′ में बालिकाओं से जुड़ी योजनाएं, छात्रों से जुड़ी योजनाएं, किसानों व गरीब मजदूरों से जुड़ी योजनाएं तथा अन्य योजनाओं का विवरण इस प्रकार है-
1. मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना –
- उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘कन्या सुमंगला योजना ‘ 1 अप्रैल, 2019 से शुरुआत की थी।
- इस योजना में पात्र बालिकाओं को 6 किस्तों में 15000 रूपयों की सहायता प्रदान की जा रही है।
- इस योजना हेतु 1200 करोड़ रुपये में आवंटित की गई है।
- हर परिवार के अधिकतम दो बच्चे ही इस योजना के पात्र होंगे।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का उद्देश्य –
- कन्या सुमंगला योजना का मुख्य उद्देश्य कन्या भ्रूणहत्या को रोकना।
- समान लैंगिक अनुपात स्थापित करना और स्वावलंबी बनाना।
- बाल विवाह की कुप्रथा रोकना और बालिकाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा को प्रोत्साहन देना।
2. मुख्यमंत्री प्रवासी श्रमिक विकास योजना –
- कोविड-19 कारण राज्य में लौटे मजदूरों को रोजगार और स्वरोजगार का अवसर उपलब्ध कराने के लिए योजना की शुरुआत की गई।
- इस योजना का लाभार्थी होने के लिए व्यक्ति का उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है।
- सभी प्रवासी कामगारों को योजना के माध्यम से स्वरोजगार से जुड़ने का मौका मिलेगा।
- उद्योग स्थापित करने के लिए प्रवासी श्रमिकों को ऋण सहायता दी जाएगी।
- योजना के तहत मजदूरों को आत्मनिर्भर और शक्तिशाली बनाया जाएगा।
- योजना के माध्यम से नागरिक अपना स्वरोजगार स्थापित कर अधिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
3. मिशन शक्ति 4 –
- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मिशन शक्ति के चौथे चरण की शुरुआत हुई।
- 2020 में बलरामपुर जिले से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पहले चरण की शुरुआत की गई थी।
मिशन शक्ति 4 के उद्देश्य –
- महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण पर केंद्रित है
- चौथे चरण में मिशन मुक्ति शीर्षक से 1 से 7 मई तक बाल विवाह और बाल श्रम के खिलाफ अभियान।
- मुक्त कराए गए बच्चों के लिए भोजन, यात्रा, चिकित्सा, आश्रय और घर वापसी की व्यवस्था।
- बच्चों की पहचान गोपनीय रखने का प्रावधान।
4. मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना –
- वर्ष 2021-22 में इस योजना की शुरुआत की गई।
- आंगनवाड़ी केंद्रों पर रजिस्टर्ड 6 महीने से 5 साल तक की आयु के बच्चे एवं एनीमिया ग्रस्त 13 से 14 वर्ष के स्कूल में जाने वाली बालिकाएं इस योजना के लाभार्थी होंगे।
- इस योजना के लिए 100 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है।
- ‘राष्ट्रीय पोषण मिशन’ के तहत चरणबद्ध तरीके से लागू होगी यह योजना।
- आगामी 3 वर्ष तक मिलेगा कुपोषित बच्चों तथा किशोरियों को इसa योजना का लाभ।
- इस योजना के माध्यम से ड्राई राशन के साथ अतिरिक्त पोषण भी वितरित किए जाने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना का मुख्य उद्देश्य –
- किशोरियों और बच्चों को कुपोषण की समस्या से निजात दिलाना इसका मुख्य लक्ष्य है।
5. मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना
- इस योजना का प्रमुख उद्देश्य किसानों और राज्य के कमजोर वर्ग के लोगों को सरकार द्वारा सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
- परिवार के मुखिया की आकस्मिक मृत्यु या अपंगता की स्थिति में बीमा कंपनी द्वारा ₹500000 का बीमा कवरेज।
- दुर्घटना की स्थिति में लाभार्थी को ढाई लाख रुपए तक कैशलेस उपचार ।
- अंतिम संस्कार के खर्च के लिए अतिरिक्त सहायता ₹100000 मुहैया किया जाएगा।
- सभी सरकारी अस्पतालों और पैनल में शामिल निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज किया जाएगा।
- दुर्घटनाग्रस्त और रोगियों को सभी नजदीकी अस में ₹25000 तक प्राथमिक उपचार की सुविधा।
- लाभार्थी राज्य के बाहर तो दुर्घटना होने पर भी कवर किया जाएगा।
इस योजना का लाभार्थी कौन होगा-
- किसान उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो।
- किसानों के पास बैंक खाता होना चाहिए।
- किसान की आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- किसान की वार्षिक पारिवारिक आय ₹75000 प्रति वर्ष से कम होनी चाहिए।
- लाभार्थी किसान को खतौनी से खाताधारक या सह खाताधारक के रूप में पंजीकृत होना चाहिए।
6. उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना
- गांव के विकास में सामूहिक भागीदारी बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने मातृभूमि योजना को लागू किया है।
- इस योजना के सही संचालन हेतु एक गवर्निंग काउंसिल का गठन किया गया है जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री हैं।
- ऐसे लोगों के लिए यह योजना एक मंच के तौर पर काम करेगी।
- व्यक्ति या निजी संस्था किसी ग्राम पंचायत में विकास कार्य करवाने के इच्छुक हैं और कार्य लागत के 60% धनराशि को वहन करने के इच्छुक हैं तथा शेष 40% धनराशि से का प्रबंध राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
- योजना को प्रभावी बनाने के लिए उत्तर प्रदेश मातृभूमि सोसाइटी का भी गठन किया गया है।
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