मेनका गांधी
ये वन्यजीव संरक्षण के लिए कार्यरत हैं। इन्होंने वन्यजीव एवं पालतू जीवों के संरक्षण से संबंधित कई किताबें लिखी हैं। इन्होंने पीपल फॉर एनिमल संगठन बनाया है।
प्रमुख किताबें
1.द पेंगुइन बुक ऑफ़ हिन्दू नेम्स
2.द कम्पलीट बुक ऑफ़ मुस्लिम एंड पारसी नेम्स
3.द पेंगुइन बुक ऑफ़ हिन्दू नेम्स फॉर गर्ल्स
4.द पेंगुइन बुक ऑफ़ हिन्दू नेम्स फॉर बॉयज
5.ब्रह्मा’स हेयर
6.इन्द्रधनुष एवं अन्य कहानिया
राजेन्द्र सिंह
इन्हे भारत का जल पुरूष कहा जाता है। राजेन्द्र सिंह जल संरक्षण के लिए विख्यात हैं । इन्हे मैग्सेसे अवार्ड एवं स्टॉक होम वाटर प्राइज से सम्मानित किया गया है।
चंडी प्रसाद भट्ट
ये गांधी वादी विचारधारा को मानने वाले प्रर्यावरण एवं सामाजिक कार्यकर्ता हैं इन्होंने दशोली ग्राम स्वराज संघ की स्थापना की जो चिपको आन्दोलन का आधार संगठन बना ।
मनसुख भाई प्राजापति
ये मिट्टी कूल फ्रिज के संस्थापक हैं । मिट्टी से बने घरेलू उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत हैं जिससे पर्यावरण संरक्षण हो सके।
अरविंद भाई पटेल
अहमदाबाद के अरविंद भाई पटेल ने अल्प लागत में नेचुरल वाटर कूलर का विकास किया है जो ऊर्जाक्षम उपाय पर आधारित है । यह प्रद्योगिकी शुष्क एवं गर्म जलवायु परिस्थितियों के लिए बहुत सम्भावनाओ वाली है।
जी.डी. अग्रवाल
इन्हें पर्यावरण इन्जीनियर कहा जाता है । जीडी अग्रवाल एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं सिविल इंजीनियर है । ये गंगा बचाओ आंदोलन के सक्रिय कार्य कर्ता हैं।
माइक पांडे
माइक पांडे वन्य जीव संरक्षण के लिए विख्यात है। इन्होंने वन्यजीव एवं पालतू जीवों के संरक्षण से सम्बन्धित फिल्मों का निर्माण किया है। इन्हे हीरो आफ इन्वायरमेट घोषित किया गया है।
बाबा आम्टे
बाबा आमटे भारत के प्रमुख समाजसेवी एवं पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता हैं इन्होंने समाज के परित्यक्त लोगों एवं कुष्ठ रोगियों के लिए आश्रम की स्थापना की है।
सुनीता नारायण
ये भारत की प्रसिद्ध पर्यावरणविद् हैं वर्तमान में ये विज्ञान एवं पर्यावरण की निदेशक के पद पर कार्यरत हैं ये पर्यावरण पर केन्द्रित पाक्षिका पत्रिका डाउनलोड टू अर्थ के सम्पादक हैं।
प्रमोद पाटिल
ये एक पक्षी वैज्ञानिक है। जिनको ग्रेेट इंडियन बस्टर्ड के संरक्षण के लिए जाना जाता है । इनको ब्हाइटले अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
उमाकांत उमराव
उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास एक गांव में जन्में उमाकांत उमराव मध्य प्रदेश के देवास में जिला धीश के पद पर कार्यरत रहते हुए जल संरक्षण के लिए प्रयास किया । इसलिए इनको जिलाधीश की उपाधि दी गई है।