भारत की प्रमुख बहुउद्देशीय परियोजनाएं | Bhart ke parmuhk vahuudesey pareyogna


भारत के प्रमुख बांध (bhart ke pramukh Bhand)

भारत में बहुउद्देशीय परियोजनाओं का निर्माण विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इनमें प्रमुख उद्देश्य सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण और विद्युत ऊर्जा बनाने, नहरें निकलने तथा वन्य जीव संरक्षण आदि के लिए बहुउद्देशीय परियोजनाओं का निर्माण किया जाता है। भारत में अनेक बहुउद्देशीय परियोजनाओं का निर्माण हुआ है तथा कुछ परियोजनाएं अभी निर्माणाधीन हैं।इन बहुउद्देशीय परियोजनाओं को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आधुनिक भारत का मंदिर कहां है। भारत की प्रमुख बहुउद्देशीय परियोजनाएं निम्नलिखित हैं-
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1.भाखड़ा नांगल परियोजना (Bhakra Nangal Project)
2.दामोदर घाटी परियोजना (Damodar Valley Project)
3. रिहन्द बाॅध परियोजना (Rihand Dam Project)
4. हीराकुंड परियोजना (Hirakud Project)
5. कोसी परियोजना (Kosi Project)
6. तुलबुल परियोजना

भाखड़ा नांगल परियोजना (Bhakra Nangal Project)

यह परियोजना भारत के पंजाब राज्य में सतलुज नदी के पानी को रोक कर बनाई गई है। इस बांध के निर्माण से बांध के पीछे जो जल जमा हुआ है उसे गोविन्दसागर झील या गोविंद सागर जलाशय कहते हैं। इस परियोजना में दो बांध बनाए गए हैं जिसमें एक का नाम भाखड़ा तथा दूसरा नांगल है नांगल बांध पंजाब राज्य में पड़ जाता है तथा भाखड़ा बांध हिमाचल प्रदेश में स्थित है। इन दोनों बांध को संयुक्त रूप से भाखड़ा नांगल बांध कहते हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य-
  • भाखड़ा नांगल बांध परियोजना का विस्तार तीन राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश तथा राजस्थान  में है।
  • इसकी ऊंचाई 226 मी. है। 
  • भाखड़ा नांगल बांध एशिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है।
  • इस परियोजना से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान तथा दिल्ली आदि राज्य लाभांवित हुए।
  • मध्य प्रदेश के इंदिरा सागर बांध के बाद गोविंद सागर जलाशय दूसरा सबसे बड़ा जल संग्रहण क्षेत्र है।
  • यह विश्व का सबसे ऊंचा गुरुत्वीय बांध (226 मी.) है।

दामोदर घाटी परियोजना (Damodar Valley Project)

दामोदर घाटी परियोजना दामोदर नदी पर बनी है। यह नदी झारखंड के छोटा नागपुर के पठार से निकलती है। दामोदर नदी  झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्य में बहती है। ये बहते हुए कोलकाता में हुगली नदी में मिल जाती है। हुगली नदी गंगा नदी की प्रमुख वितरिका है, जो बंगाल में गंगा नदी से अलग हो जाती है।
 महत्वपूर्ण तथ्य-
  • दामोदर का उद्गम स्थल छोटा नागपुर पठार है।
  • मानसून काल में छोटा नागपुर पठार पर वर्षा होती है, इसी कारण दामोदर नदी के द्वारा पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
  • इसी कारण दामोदर नदी को पश्चिम बंगाल का शोक कहते हैं।
  • इसी बाढ़ की समस्या समाधान के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की टेनेसी घाटी परियोजना के आधार पर 1948 में दामोदर घाटी निगम की स्थापना की गई।
  • दामोदर घाटी निगम के द्वारा बाढ़ की समस्या को रोकने के लिए कोनार, मेथान, तिलैया और पंचेतहिल आदि  बांधों का निर्माण किया।

रिहन्द बाॅध परियोजना (Rihand Dam Project)

यह परियोजना का निर्माण रिहन्द नदी पर किया गया है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले तथा मध्य प्रदेश की सीमा पर पिपरी नामक स्थान बनी है। रिहन्द बांध परियोजना को ओबरा परियोजना भी कहते हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य-
  • यह भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है।
  • रिहन्द नदी सोन नदी की सहायक नदी है।
  • इस बांध की ऊंचाई 90 मीटर तथा लम्बाई 930 मीटर है।
  • इस बांध के निर्माण के साथ गोविंद बल्लभ पंत सागर नामक झील का निर्माण भी किया गया।
  • गोविंद बल्लभ पंत सागर झील मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित है।

हीराकुंड परियोजना (Hirakud Project)

यह परियोजना उड़ीसा में महानदी पर बनाई गई है। यह विश्व की सबसे लम्बी परियोजना है । इसकी लम्बाई 4803 मीटर है। इस परियोजना के निर्माण से उड़ीसा राज्य के लोग लाभान्वित हुए। क्यो कि वहां बहने वाली  महानदी के द्वारा बाढ़ आ जाती थी तथा इस परियोजना के निर्माण से वहां हर प्रकार की सुविधा हो गई है।
महत्वपूर्ण तथ्य-

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  • महानदी को उड़ीसा का शोक कहते हैं।
  • यह विश्व का सबसे लम्बा बांध है इसकी लम्बाई 4.8 किमी है।
  • इसका निर्माण 1957 में किया गया।

कोसी परियोजना (Kosi project)

यह परियोजना बिहार में कोसी नदी पर बनाई गई है। बिहार में कोसी नदी के द्वारा बाढ़ लाने के कारण इस नदी पर इस बांध का निर्माण किया गया। कोसी नदी तिब्बत के पठार से निकलती है और नेपाल के रास्ते बिहार में प्रवेश करती है। तथा बिहार के भागलपुर जिले में गंगा नदी में मिलती है। यह अपने जल के साथ लाए गए अवसादों को मैदानी क्षेत्र में लाकर अपने मार्ग को अवरूद्ध कर लेती है और अपना मार्ग बदल लेती है, इसे के कारण ही बिहार में बाढ़ आती है।
महत्वपूर्ण तथ्य-
  • कोसी नदी को बिहार का शोक कहते हैं।
  • बिहार में कोसी नदी से उत्पन्न समस्या समाधान के लिए हनुमान नगर नामक स्थान पर एक बांध बनाया गया है, जिसे हनुमान नगर बैराज कहते हैं।
  • कोसी नदी का उद्गम स्थल तिब्बत का पठार है।
  • इस परियोजना की शुरुआत पं. जवाहरलाल नेहरू के द्वारा 1953-54 में की गई।
  • कोसी परियोजना 1965 में बनकर तैयार हुई।

सरदार सरोवर परियोजना (Sardar Sarower Project)

इस परियोजना से लाभान्वित होने वाला राज्य गुजरात है। सरदार सरोवर परियोजना चार राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान की संयुक्त परियोजना है। इस परियोजना से सबसे अधिक लाभ गुजरात तथा सबसे अधिक नुकसान मध्य प्रदेश का होगा, क्यों कि बांध के पीछे जल स्तर ऊंचा उठने के कारण वह क्षेत्र हमेशा के लिए बाढ़ की चपेट में आ जाएगा जिसके कारण वहां के जीव जन्तु, वनस्पतियां तथा जनधन की अपार क्षति होगी। तथा मध्य प्रदेश सरकार का बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान होगा।
महत्वपूर्ण तथ्य-
  • यह बांध नर्मदा नदी पर बनाया जा रहा है।
  • नर्मदा नदी भारत की 5 वीं सबसे बड़ी नदी है।
  • नर्मदा नदी मैकाल पहाड़ी पर स्थित अमरकंटक चोटी से निकलती है।
  • इस परियोजना के विरोध में ही नर्मदा बचाओ आंदोलन की शुरुआत हुई।
  • प्रायदीपीय भारत में नर्मदा नदी, गोदावरी नदी और कृष्णा नदी के बाद तीसरी सबसे लम्बी नदी है।
  • नर्मदा नदी का 12% जलग्रहण क्षेत्र गुजरात, 2% महाराष्ट्र, 86% मध्य प्रदेश राज्य के अन्तर्गत आता है।

टिहरी बांध परियोजना(Tehri Dam Project)

यह परियोजना उत्तराखंड राज्य में भागीरथी तथा भीलांगना नदी के संगम पर बनाया गया है। इस परियोजना से 620 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। इससे दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में बिजली आपूर्ति की जाती है। इस बांध से सबसे बड़ा खतरा भूकम्प आने से है। क्यो कि टिहरी बांध भूकम्प क्षेत्र 5 के अन्र्तगत आता है। इसलिए यह सर्वाधिक संवेदनशील क्षेत्र है।
महत्वपूर्ण तथ्य-
  • इस परियोजना के निर्माण की शुरुआत 1978 में हुई।
  • इस बांध की लम्बाई 575 मी. (1886 फुट) तथा ऊंचाई 260 मी. (855 फुट ) है।
  • यहां से प्रति वर्ष 620 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन होता है।  

चम्बल परियोजना (Chambal Project)

चम्बल परियोजना का निर्माण चम्बल नदी के पानी का उपयोग करने के लिए इस नदी पर कई बांध बनाये गये हैं। चम्बल नदी मध्य प्रदेश के मालवा के पठार से निकलकर राजस्थान होते हुए उत्तर प्रदेश में इटावा के पास यमुना नदी में मिलती है।
चम्बल परियोजना मध्य प्रदेश तथा राजस्थान की संयुक्त परियोजना है।
इस नदी पर सिंचाई के जल को उपलब्ध कराने के लिए बांध बनाए गए हैं। तथा इन बांधों से छोटी छोटी नहरें निकाली गई हैं जिससे वहां के अधिकतम क्षेत्र सिंचित हो सकें। इस नदी पर चार प्रमुख बांध बनाऐ गये हैं-
1. जवाहर सागर बांध (बूंदी,राजस्थान )
2. राणा प्रताप सागर बांध (चित्तौड़, राजस्थान)
3. गांधी सागर बांध (मंदसौर, मध्य प्रदेश)
4. कोटा बैराज (कोटा, राजस्थान)

नर्मदा घाटी परियोजना (Narmada Valley Project

नर्मदा नदी के जल का प्रयोग करने के लिए नर्मदा घाटी परियोजना की शुरुआत की गई है। इस परियोजना के तहत अनेक बांधों का निर्माण किया गया है। जिनमें से चार प्रमुख इस प्रकार हैं-
1. नर्मदा सागर परियोजना (मध्य प्रदेश)
2. ओंकारेश्वर परियोजना (मध्य प्रदेश)
3. माहेश्वर परियोजना (मध्य प्रदेश)
4. सरदार सरोवर परियोजना ( गुजरात)
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भारत की नदी घाटी परियोजना


जम्मू-कश्मीर की परियोजनाएं
जम्मू-कश्मीर में चिनाव नदी पर बगलीहार परियोजना, दुलहस्ती परियोजना, सलाल परियोजना बनाई गई हैं। तथा झेलम नदी पर किशनगंगा परियोजना, तुलबुल, उरी परियोजना तथा सुरू नदी पर निम्बो बाजगो परियोजना है जो लद्दाख क्षेत्र में पड़ती है।

हिमाचल प्रदेश की परियोजनाएं
हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी पर भाखड़ा परियोजना, नाथपा झाकरी तथा पार्वती नदी पर पार्वती परियोजना बनी है।

पंजाब की परियोजनाएं
पंजाब में सतलुज नदी पर नांगल परियोजना तथा सतलुज नदी और व्यास नदी पर हरि के परियोजना तथा रावी नदी पर थीन बांध का निर्माण किया गया है।

उत्तराखंड की परियोजनाएं
उत्तराखंड में भागीरथी नदी और भीलांगना नदी के संगम पर टिहरी बांध परियोजना का निर्माण किया गया है।

उत्तर प्रदेश की परियोजनाएं
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में बेतवा नदी पर माताटीला बांध, तथा सोनभद्र जिले में रिहन्द नदी पर रिहन्द बांध का निर्माण किया गया है रिहन्द बांध को ओवरा परियोजना भी कहते हैं।

गुजरात की परियोजनाएं
गुजरात में ताप्ती नदी पर उकाई परियोजना, काकरापार परियोजना तथा माही नदी पर साबरमती परियोजना, माही परियोजना एवं नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध का निर्माण किया गया है।

 झारखंड की परियोजनाएं
 झारखंड में दामोदर घाटी परियोजना जो दामोदर नदी पर स्थित है तथा कुछ अन्य परियोजनाएं मैथान, तिलैया आदि परियोजनाएं भी हैं।

पश्चिम बंगाल की परियोजनाएं
 फरख्खा परियोजना – हुगली नदी पर
मयूराक्षी परियोजना – मयूराक्षी नदी पर

कर्नाटक की परियोजनाएं
जोंग, महत्मा गांधी परियोजना – सरावती नदी पर
शिवसमुद्रम परियोजना – कावेरी नदी पर
अन्य – घाट प्रभा, माल प्रभा

आंध्र प्रदेश की परियोजनाएं
नागार्जुन, श्री शैलम, अलमट्टी – कृष्णा नदी पर
पोचमपाद – गोदावरी नदी पर
निजाम सागर परियोजना – मंजीरा नदी पर

तमिलनाडु की परियोजनाएं
पराक्बिकुलम , आलियार परियोजना- पराक्विकुलम नदी पर
मैटूर परियोजना – कावेरी नदी पर


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