भौगोलिक संकेतक क्या है ? (What is G.I. TAG ?)
G.I. TAG उस वस्तु उत्पाद को दिया जाता है। जो कि किसी विशिष्ट स्थान या किसी विशेष क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती है उन्हें भौगोलिक संकेतक या ज्योग्राफिकल इंडिकेशन टैग कहते हैं। जी.आई. टैग कृषि उत्पादों, मानव निर्मित वस्तु तथा विशेष गुणवक्ता वाली वस्तुओं को प्रदान किया जाता है। जी.आई. टैग को ओद्योगिक संरक्षण के लिए पेरिस समझौता के तहत बौद्धिक संपदा अधिकारों के एक घटक के रूप में शामिल किया गया है।
जी.आई. टैग क्यों दिया जाता है ?
भौगोलिक संकेतक किसी भी उत्पाद के विशिष्ट गुण कारण दिया जाता है। तथा जिस क्षेत्र में वह पायी जाती है उस क्षेत्र को उसी उत्पाद के नाम से जाना जाता है। यह सर्वप्रथम 2004 में दार्जिलिगं चाय जी.आई. टैग प्राप्त करने वाला पहला कृषि उत्पाद था।
जी.आई. टैग का महत्व
किसी भी उत्पाद को भौगोलिक संकेतक का टैग मिलने से उस वस्तु या उत्पाद के महत्व बहुत अधिक बढ़ जाते हैं। जी. आई. टैग के निम्न लिखित महत्व हैं –
- अंतराष्ट्रीय बाजार में वस्तु की कीमत का बढ़ जाना।
- तथा उत्पाद के निर्यात को बढ़ावा देना।
- स्थानीय उत्पादों को संरक्षण एवं बढ़ावा देना।
- ग्रामीण तथा आदिवासी समुदाय के लोगों के आर्थिक उत्थान में सहायक
भारतीय संसद 1999 में ज्योग्राफिक इंडीकेशन आफ गुडलागू किया
जी.आई टैग लिस्ट 2020-2021
क्र.स | भौगोलिक संकेतक [GI Tag] | राज्य |
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1 |
|
केरल |
2 |
|
कर्नाटका |
3 |
|
तमिलनाडु |
4 |
|
महाराष्ट्र |
5 |
|
गोवा |
6 |
|
बिहार |
7 |
|
उडीसा |
8 |
|
कश्मीर |
9 |
|
मिजोरम |
10 |
|
तेलंगाना |
11 |
इटू मिश्मी कपड़ा
|
अरूणाचल प्रदेश |
12 |
काला चावल
|
मणिपुर |
13 |
|
हिमाचल प्रदेश |
14 |
|
झारखंड |
15 |
कड़कनाथ मुर्गा
|
मध्य प्रदेश |
16 |
पेठापुर ब्लाक प्रिटिंग
|
गुजरात |
17 |
|
उत्तर प्रदेश |
18 | जीरापुल चावल | छत्तीसगढ़ |
19 |
|
असम |
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