अंतरराष्ट्रीय वानिकी दिवस 2023: थीम, महत्व व इतिहास

 

अंतरराष्ट्रीय वानिकी दिवस 2023: थीम, महत्व व इतिहास

अंतरराष्ट्रीय वानिकी दिवस 

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वनों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 2012 में 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के तौर पर घोषित किया गया। इस दिवस पर वृक्षारोपण अभियानों जैसे – वनों और वृक्षों से जुड़ी गतिविधियों को आयोजित करने के लिए देशों के स्थानीय , राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस वर्ष 2023 की थीम: वन और स्वास्थ्य रखी गई है।
  • वनों पर संयुक्त राष्ट्र मंच और संयुक्त राष्ट्र के ही खाद्य और कृषि संगठन (FAO) इस दिवस का आयोजन में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
  • वनों के स्थाई प्रबंधन और उनके संसाधनों का उचित उपयोग जलवायु परिवर्तन से निपटने तथा वर्तमान व भावी पीढ़ियों की समृद्धि व कल्याण के योगदान के लिए महत्वपूर्ण है।
  • वर्ष 2023 के अंतरराष्ट्रीय वानिकी दिवस की थीम है- वन व स्वास्थ्य 
  • अंतरराष्ट्रीय वन दिवस प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को मनाया जाता है ‌‌।
  • अमेजन वनों को पृथ्वी के फेफड़े कहा जाता है। पृथ्वी के स्वास्थ्य लाभ से मनुष्य का भी स्वास्थ्य लाभ सुनिश्चित होता है।
  • अमूल्य पारिस्थितिकी आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य लाभों के बावजूद वन आग, कीट, सूखे और कटाई‌ से खतरे में है।
  • भारत में कई प्रकार के वन पाए जाते हैं जिसमें सर्वाधिक उष्णकटिबंधीय वन पाए जाते हैं
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वन संरक्षण के लिए भारत के कुछ प्रयास

वनों के संरक्षण के लिए भारत के द्वारा कुछ अधिनियम बनाकर बनो को संरक्षण करने के लिए प्रयास किए गए हैं और भविष्य में किए जा रहे हैं। वनों के संरक्षण से संबंधित कुछ अधिनियम नीचे दिए गए हैं।

वन संरक्षण अधिनियम,1980

इसके तहत वन क्षेत्रों में स्थानी कृषि वानिकी का अभ्यास करने के लिए केंद्रीय अनुमति आवश्यक है इसके उल्लंघन को एक आपराधिक कृत्य माना गया है।

नेशनल एक्शन प्रोग्राम टू काॅम्बैट डेज़र्टिफिकेशन

इसे वर्ष 2001 में मरुस्थलीकरण की समस्या के प्रति कार्यवाही के लिए शुरू किया गया था।

राष्ट्रीय वन नीति, 1988

राष्ट्रीय वन नीति का अंतिम उद्देश्य प्राकृतिक विरासत के रूप में वनों के संरक्षण के माध्यम से पर्यावरण स्थिरता और पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखना है।

हरित भारत हेतु राष्ट्रीय मिशन

  • यह जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC) के तहत 8 मिशनों में से एक है।
  • इसे वर्ष 2014 में देश के जैविक संसाधनों और संबंधित आजीविका को प्रतिकूल जलवायु परिवर्तन के खतरे से बचाने तथा पारिस्थितिक स्थिरता जैव विविधता संरक्षण पर वानिकी के प्रभाव को चिन्हित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।

भारत में वन और वन रिपोर्ट 

  • इंडिया स्टेट आफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2021 के मुताबिक वर्ष 2019 के मुकाबले देश में वन और वृक्षों के आवरण क्षेत्र में 2.261 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है।
  • भारत का कुल वन और वृक्षावरण क्षेत्र 80.9 मिलियन हेक्टर था जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 24.62 प्रतिशत था।
  • 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का 33% से अधिक क्षेत्र वनों से आच्छादित है।
  • अपने कुल भौगोलिक क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में वन आवरण के मामले में शीर्ष पांच राज्य- मिजोरम (84.53%), अरुणाचल प्रदेश (79.33%), मेघालय (76%), मणिपुर (74.34%) और नागालैंड (73.90%) है।
  • सबसे बड़ा वन आवरण क्षेत्र मध्य प्रदेश में है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ व उड़ीसा आता है। 
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FAQs :-

1. वर्ष 2023 में अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस की थीम क्या है ?
Ans- वन व स्वास्थ्य
2. अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस कब मनाया जाता है ?
Ans- अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को मनाया जाता है।
3. संविधान के किस अनुच्छेद में पर्यावरण और उसके संरक्षण का उल्लेख किया गया है?
Ans- संविधान के अनुच्छेद 48 A में पर्यावरण संरक्षण का उल्लेख किया गया है।

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