चीन का स्पेस स्टेशन : तियांगोंग
हाल ही में चीन के तीन अंतरिक्ष यात्रियों ने उसके स्पेस स्टेशन तियांगोग (Tiangong) के आर्बिटर मोड्यूल में प्रवेश किया। इसके साथ ही चीन एकमात्र देश बन गया जो वर्तमान में बिना किसी अन्य एजेंसी के सहयोग से अंतरिक्ष स्टेशन बना रहा है। अंतरिक्ष यात्रियों के स्पेस स्टेशन में प्रवेश करने के बाद इसके आगे के निर्माण कार्यो में तेजी आएगी और यह कार्य वर्ष 2022 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। इन यात्रियों को चीन के शेंझोऊ-14 (Shenzhou-14) अंतरिक्षयान से भेजा गया था।
तियांगोंग स्पेस स्टेशन के बारे में
- चीन का यह अंतरिक्ष स्टेशन अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के बाद वर्तयान में संचालित दूसरा स्पेस स्टेशन होगा।
- इस उपलब्धि के साथ चीन दुनिया का तीसरा बन गया है जिसने अपने अकेले के प्रयासों से अंतरिक्ष स्पेस स्टेशध स्थापित किया है।
- यह तीन मोड्यूल से मिलकर बना हुआ है- पहला है कोर मोड्यूल ‘तियान हे’ जिसे वर्ष 2021में लांच किया गया था।
- अन्य दो मड्यूल हैं – ‘बेंतियान’ और ‘मेंगतियान’ जिन्हें वर्ष 2022 में लांच किया गया है।
स्पेस स्टेशन के बारे में
- स्पेस स्टेशन पृथ्वी की निचली कक्षा में परिक्रमा कर रहे बडे़ कृत्रिम उपगृह होते हैं।
- इन स्पेस स्टेशन के अन्दर अंतरिक्ष यात्रियों के रहने तथा वैज्ञानिक प्रयोग करने की सुविधायें होती हैं।
- यहां पर होने वाले प्रयोगों में माइक्रोग्रेविटी एवं उनसे जुडें विषय, स्पेस बायो-टेक्रोलाजी तथा अंतरिक्ष के वातावरण का मानव शरीर पर प्रभाव, आदि विषय होते हैं।
- अंतरक्ष यान के स्पेस स्टेशन से जुड़ने की प्रक्रिया को ‘डाँकिंग‘ कहते हैं।
भारत भी एक स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने के लिए कार्यरत् है। वह यह मिशन अपने गगनयान मिशन के अगले चरण के रूप में वर्ष 2023 तक स्पेस स्टेशन लांच करने के प्रयासों में है। अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पांच अंतरिक्ष एजेंसीयों के संयुक्त प्रयासों से संचालित है, ये हैं-
- NASA, USA
- JAXA, JAPAN
- Roscosmos, Russia
- Canadaye space Agency
- European space Agency