अंतराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2022 (International Booker Prize)
हमारे लिए यह गर्व की बात है कि गीताजंली श्री ने हिंदी को अंतराष्ट्रीय मंच पर गौरव दिलाया है। क्योकि हिंदी की पहली किताब को अंतराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिलना गौरव का पल है। गीतांजली श्री कि यह पुस्तक उन 13 पुस्तकों में शामिल हो चुकी है। जिन्हें इंटरनेशनल बुकर प्राइज मिला है।
भारतीय लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास ‘टाम्ब आफ सेंड’ को प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार (International Booker Prize) मिला है। यह पुरस्कार जीतने वाली प्रसिद्ध लेखिका गीतांजली श्री अंतराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय लेखिका बन गयी हैं। यह पुरस्कार हिंदी में ‘रेत की समाधि‘ के नाम से छपा था। इसे अमेरिकन ट्रांसलेटर डेजी राकवेल ने इसका अंग्रेजी में अनुवाद किया है। यह विश्व की उन 13 किताबों में शामिल हो गई है जिन्हें अंतराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिला है। यह हिंदी का पहली उपन्यास है जिसे अंतराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिला है।
गीतांजली श्री का यह उपन्यास मुख्य रूप से हिन्दी शीर्षक ‘रेत की समाधि’ के नाम से प्रकाशित हुआ था। गीतांजली श्री कई लघु कथाओं एवं उपन्यासों की लेखिका हैं। गीतांजली श्री उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से संबंध रखती हैं।
अंतराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के बारे में-
- अंतराष्ट्रीय बुकर प्राइज (International Booker Prize) एक प्रतिष्ठित अंतराष्ट्रीय पुरस्कार है।
- यह अंग्रेजी, ब्रिटेन या आयरलैंड में प्रकाशित किसी एक पुस्तक को प्रत्येक साल दिया जाता है।
- इस पुरस्कार की शुरूआत वर्ष 2005 में हुई थी।
- पुरस्कार की धनराशि 50 हजार पाउंड होती है।
इस पुस्तक में एक 80 वर्ष की विधवा महिला की कहानी है जो 1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद अपने पति को खो देती है इसके बाद वह गहरे अवसाद में चली जाती है काफी दिनों बाद वह अपने अवसाद पर काबू पाती हैं और विभाजन के दौरान छूटे अतीत का सामना करने पाकिस्तान जाती है।
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