विश्व मौसम विज्ञान दिवस 2023: थीम, महत्व व इतिहास

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विश्व मौसम विज्ञान दिवस : 23 मार्च

विश्व मौसम विज्ञान दिवस हर वर्ष 23 मार्च को मनाया जाता है इस दिन वर्ष 1950 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन की स्थापना का प्रावधान करने वाला कन्वेंशन लागू हुआ था। यह दिन लोगों और समाज की सुरक्षा व हित के लिए राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और जल विज्ञान सेवाओं के लिए योगदान तथा उनके महत्व को चिन्हित करता है। वर्ष 1961 से विश्व मौसम विज्ञान दिवस मनाया जा रहा है। 

विश्व मौसम विज्ञान दिवस थीम 2023: द फ्यूचर ऑफ वेदर, क्लाइमेट एंड वाटर अक्रॉस जेनरेशन’ रखा गया है।

 

 विश्व मौसम संगठन (WMO)

  • विश्व मौसम संगठन (World Meteorology  Organisation) एक अंतर सरकारी संगठन है।
  • इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है।
  • इसका सर्वोच्च निकाय विश्व मौसम विज्ञान कांग्रेश है।
  • इसकी स्थापना अंतरराष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन (IMO) से हुई है। जो वर्ष 1873 के वियना अंतर्राष्ट्रीय  मौसम विज्ञान कांग्रेस से गठित हुआ था।
  • संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी के रूप में WMO पृथ्वी के वातावरण की स्थिति व व्यवहार इसके भूमि व महासागरों से संबंध किसके द्वारा उत्पन्न मौसम व जलवायु और जल संसाधनों के परिणामी वितरण व अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समन्वय के लिए समर्पित है।
  • इसमें 193 सदस्य देश शामिल हैं।

जलवायविक आपदाएं

  • मौसम और जलवायु परिवर्तन से संबंधित आपदाएं पिछले 50 वर्षों में बहुत बढ़ी हैं।
  • हर वर्ष बढ़ती ग्रीन हाउस गैसों के कारण वातावरण तेजी से बदल रहा है जिसमें चरम मौसमी घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि हुई है।
  • भारत की बात करें तो अरब सागर के ऊपर गंभीर चक्रवातों की संख्या में प्रति दशक एक की वृद्धि हुई है।
  • भारत में वर्ष 1920 के बाद अधिकतम तापमान में 0.99 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है।
  • भारत में भारी वर्षा की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है।

विश्व मौसम संगठन के कार्यक्रम

विश्व मौसम संगठन के द्वारा आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए बहुत से कार्यक्रम शुरू किए जिनमें नीचे दिए गए कार्यक्रम बहुत ही महत्वपूर्ण है-

कृषि मौसम विज्ञान कार्यक्रम (AgM)

यह कार्यक्रम धारणीय कृषि विकास को बढ़ावा देने कृषि उत्पादकता बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा में योगदान करने के लिए किसानों चरवाहों और मछुआरों को मौसम व जलवायु सेवाएं प्रदान करने में राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और जल विज्ञान सेवाओं की सहायता करता है।

आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम (DDR)

इसका उद्देश्य आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और जल विज्ञान सेवाओं के योगदान को सभी स्तरों पर अधिक सहयोगी, लागत, प्रभावी, व्यवस्थित और धारणीय ढंग से बढ़ाना है।

वैश्विक जलवायु अवलोकन प्रणाली (GCOS)

एक साहब प्रयोजन कार्यक्रम है जो नियमित रूप से वैश्विक जलवायु परीक्षणों की स्थिति का आकलन करता है और इसके सुधार के लिए मार्गदर्शन देता है।

विश्व मौसम विज्ञान दिवस का इतिहास

वर्ष 1873 में विश्व में मौसम के बारे में सूचनाओं के लिए मौसम संगठन का गठन किया गया तथा बाद में इसे अंतरराष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन के नाम से जाना गया। विश्व मौसम संगठन की स्थापना 23 मार्च 1950 को किया गया और इस संगठन के निर्माण की याद में 1961 से हर वर्ष विश्व मौसम विज्ञान दिवस मनाया जा रहा है। बता दें कि विश्व मौसम संगठन में 193 देश शामिल है जो कि संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है।

विश्व मौसम संगठन का कार्य-

 विश्व मौसम संगठन का प्रमुख कार्य समाज की सुरक्षा, आर्थिक कल्याण और पर्यावरण की सुरक्षा से संबंधित मामलों पर सूचनाएं प्रदान करना प्रमुख कार्य है।

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