क्या है मिशन शुक्रयान -1
इसरो ने कहा है कि वो अंतरिक्ष में शुक्रग्रह पर दिसम्बर 2024 तक अपना शुक्रयान मिशन भेज देगा। आप को पता होगा कि शुक्रग्रह अत्यधिक गर्म होने के कारण कोई मिशन अभी तक सफल नही हो पाया है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि वीनस का औसत तापमान 475 डिग्री सेल्सियस है। अभी तक पृथ्वी से जितने मिशन शुक्रग्रह पर भेजे गये वो शुक्रग्रह पर पहुचे मगर कभी लौट कर वापस नहीं आये।
सर्वप्रथम नासा ने अपना मिशन भेजा था आपको सुनकर आश्चर्य होगा वह मिशन शुक्रग्रह पर सिर्फ 127 मिनट तक ही टिका। अंतरिक्ष में शुक्र ग्रह पर किसी भी वस्तु के अधिकतम जीवित रहने का कार्यकाल है वह है 127 मिनट।
इसरो क्यो भेजना चाहता है, शुक्रयान
शुक्रग्रह पर ज्वालामुखी पर्वतो की संख्या बहुत अधिक है। कहते हैं कि काफी करोड़ो साल पहले शुक्रग्रह पृथ्वी ही जैसा था लेकिन तापमान बढ़ते बढ़ते ऐसा परिवर्तन हो गया। शुक्रग्रह पर प्राकृतिक रूप से अम्लीय वर्षा होती है। वहां सल्फ्यूरिक अम्ल, सल्फरडाई आक्साइड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। वायुमंडल में कार्बनडाई आक्साइड 97% पायी जाती है यानी जीवन असम्भव है। लेकिन वैज्ञानिको ने कुछ दिनों पहले वहां फास्फीन नामक गैस के प्रमाण मिले है जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि वहां किसी इंसानी सभ्यता या जीव जंतु निवास करते थे क्यो कि फास्फीन केवल प्राणियों या पादप से ही बनाई जा सकती है। इसी के रिसर्च के लिए इसरो अपना यह मिशन शुक्रयान, शुक्रग्रह पर भेजना चाहता है।
मिशन शुक्रयान का उद्देश्य
भारत के वीनस की कल्पना की गई है। इसरो के वीनस मिशन को दिया गया नाम शुक्रयान -1 की प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार है और इसके लिए वजट भी तय कर लिया गया है। चन्द्रमा और मंगल पर समान मिशन भेजने के बाद शुक्रयान शुक्र के लिए भारत का पहला आर्बिट मिशन होगा। मिशन का उद्देश्य हमारे सौर मंडल के सबसे गर्म ग्रह की सतह का अध्यन करना और फल्फ्यूरिक एसिड बादलों के नीचे रहस्यो को उजागर करना है।
शुक्रग्रह से बनने वाले महत्वपूर्ण बिन्दु
- शुक्रग्रह का एक साल पृथ्वी के 224 या 225 दिन के बराबर होता है।
- शुक्रग्रह का कोई उपग्रह नही है।
- शुक्रग्रह का द्रव्यमान 4,867,320,000,000,000 अरब किलोग्राम है।
- शुक्रग्रह को पृथ्वी से नंगी आंखो से देख सकते हैं।
- शुक्रग्रह पीले रंग का होता है, पीला रंग वहां उपस्थित सल्फ्यूरिक एसिड के कारण होता है।
- शुक्रग्रह पर सल्फ्यूरिक एसिड के बादल पाये जाते हैं।
- शुक्रग्रह पर बहुतायत में ज्वालामुखी पर्वत पाऐ जाते हैं।
- शुक्रग्रह पर हवाओं की गति 724 KM/घंटा है।
- शुक्रग्रह साढ़े चार अरब साल पुराना है।
- अगर आपका वजन 100 किलोग्राम है तो शुक्रग्रह पर आपका वजन 90 किलोग्राम ही होगा।
- शुक्रग्रह को पृथ्वी की जुडवा वहन भी कहते हैं।
- शुक्रग्रह को भोर का तारा व सांझ का तारा भी कहते हैं।
- शुक्रग्रह की सूर्य से दूरी 10 करोड़ 82 लाख किलोमीटर है।
- शुक्रग्रह पर कार्बन डाई आक्साइड गैस की बहुल्यता होती है।
- सूर्य का प्रकाश शुक्रग्रह तक पहुचने में 6 मिनट लेता है। और पृथ्वी तक पहुचने में 8 मिनट लेता है।
- शुक्रग्रह पर हमेशा एसिड रेन (अम्ल वर्षा ) होती रहती है।
- शुक्रग्रह का धुर्वीय व्यास 12104 किलोमीटर है।
- शुक्रग्रह में वायुमंडल का दवाव पृथ्वी के मुकावले 92 गुना ज्यादा है।
शुक्रग्रह के अगामी मिशन (Upcoming Venus Mission)
Planned Missions | Space Agency | Mission Type | Launch Year |
---|---|---|---|
Rocket Labs Venus Probe | Rocket Lab, US | Atmosphere Balloon | 2023 |
Shukrayaan -1 | ISRO, India | Orbiter and Atmosphere Balloon | 2024 |
Veritas | NASA, US | Orbiter | 2028 |
Venera-D | Roscosmos, Russia | Orbiter and Lander | 2029 |
DAVINCl+ | NASA, US | Atmosphere, Probe | 2030 |
EnVision | ESA | Orbiter | 2031 |
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